Coaching stock

 भारतीय रेलवे का मुख्य उदेश्य सुरक्षित तरीके से खनिज या दुसरे तरह के सामान और सवारी को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुचाना है.इन उदेश्य की पूर्ति के लिए रेलवे अलग अलग प्रकार के रोलिंग स्टॉक का उपयोग करता है.इन में मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक लोको, डिजल लोको, सवारी स्टॉक , माल स्टॉक एवं और दुसरे स्पेशल तरह के स्टॉक का उपयोग किया जाता है.

भारतीय रेलवे के मुख्य उत्पादन इकाई

चितरंजन लोकोमोटिव वर्क चितरंजन (CLW)
इन्ट्रीगल कोच फैक्ट्री पेराम्बुर (ICF)
डिजल लोकोमोटिव वर्क वाराणसी (DLW)
व्हील एंड एक्सल प्लांट(WAP) / रेल व्हील फैक्ट्री (RWF) बंगलौर और छपरा
डिजल कम्पोनेंट वर्क्स (DCW)
रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला और रायबरेली (RCF)
रेल स्प्रिंग कारखाना सिंथौली (RSK)

वारी स्टॉक-COACHING STOCK

सवारी स्टॉक में वो सारे कोच आते हैं जिनका उपयोग सवारी ट्रेन में किया जाता है.भोजनालय,पार्सलयान, रेलकार, टावर वैगन,डाकयान, ब्रेकयान इत्यादि,इस तरह के सारे कोच सवारी स्टॉक के अंतर्गत आते हैं.ये कोच चाहे सवारी ट्रेन में जुड़े हों या माल गाड़ी में जुड़े हों,ये सवारी स्टॉक ही कहलायेंगें.

PASSENGER COACHING VEHICLES

ऐसे रेल डब्बे जिनका उपयोग सवारी ढोने में किया जाता है उन्हें PASSENGER COACHING VEHICLES कहा जाता है.उदाहरण के लिए ट्रेन का जनरल डब्बा और वातानुकूलित डब्बा इत्यादि.इस तरह के रोलिंग स्टॉक को यात्री कोचिंग वाहन कहते हैं.

OTHER COACHING VEHICLES

इस में वो डब्बे आते हैं जिनका उपयोग सवारी गाड़ी में किया जाता है लेकिन सवारी या यात्रियों को ढोने के लिए नहीं किया जाता है.उदाहरण के लिए पेंट्रीकार, पार्सलकार, सैलून तथा निरिक्षण कार.ऐसे स्टॉक को अन्य कोचिंग वाहन के श्रेणी में रखा जाता है.

सवारी स्टॉक-COACHING STOCK के ज़रूरी कोड नेम

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