हिन्दी भाषा

                                भारतीय भाषा हिन्दी 



प्रत्येक व्यक्ति का संबंध उसकी अपनी भाषा व संस्कृति से होता है जिसके कारण उनके मन में अपने समाज व राष्ट्र के प्रति एकात्म भाव रहता है आत्मीय भाव रहता है पूरे विश्व में कोई भी ऐसा देश नहीं मिलेगा जिसने अपनी भाषा व संस्कृति का त्याग किया हो और प्रगति की हो | जिन देशों  ने अपनी भाषा व संस्कृति को त्यागा उन्हें सदैव पराधीन रहना पड़ा हम सभी सदियों पराजित व प्राधीन रहें क्योंकि अपनी भाषा में पारस्परिक संवाद बंद हो गया | राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस स्थिति को समझा और पूरे देश को एक सूत्र में बांधने के लिए सबसे पहले ज्यादा बोली जाने वाली महज सरल हिंदुस्तानी हिंदी को संवाद का माध्यम बनाया इससे पूरा देश एक सूत्र में बंधा और हमें आजादी मिली जब हम अपनी भाषा पर लौटे स्वतंत्र हुए अपना तो बड़ा और प्रगति की राह पर बढ़ चले |

 आज हिंदी विश्व का सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है विश्व में कोई ऐसा कोना नहीं है जहां हिंदी बोलने वाले ना हो पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, सूरीनाम, नेपाल में सबसे ज्यादा हिंदी बोली जाती है | इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन  दुबई कनाडा साउथ अफ्रीका सिंगापुर न्यूजीलैंड में भी हिंदी बोलने वाले संख्या निरंतर बढ़ोतरी हो रही है | सबसे सरल व सहज हिंदी में जैसा बोला जाता है वैसा ही लिखा भी जाता है हिंदी विश्व की सबसे उन्नत सबसे लचीली सबसे ज्यादा वैज्ञानिक, सबसे ज्यादा कंप्यूटर भाषा है इसमें गलतियां ना के बराबर होती है हिंदी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सभी देशों के शब्दों को अपने में समाहित कर लेता है आज इंटरनेट पर हिंदी का प्रयोग सबसे तेज गति से बढ़ रहा है हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर बड़ी बड़ी विदेशी कंपनियां भी हिंदी की ओर आकर्षित हो रही है हिंदी में वेबसाइट उपलब्ध है जो लोगों को ज्ञान दे रही है अब हमारी अपनी हिंदी भाषा वैश्विक भाषा भी बन चुकी है |

                    भारत में अनेक बोलियां उप भाषाएं एवं भाषाएं सभी भाषाएं किसी न किसी रूप में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं लगभग सभी भारतीय भाषाओं को हिंदी में आत्मसात किया और लगभग पूरे देश में अपनी भाषा के रूप में मान्य हुई और राजभाषा के रूप में स्वीकृत हुई भारत में और भी बहुत सारी भाषाएं बोली जाती है जिसमें तमिल तेलुगू पंजाबी मराठी भाषाएं हैं |

 सीखने सिखाने की प्रक्रिया में भाषा का सबसे ज्यादा योगदान होता है भाषा संप्रेसनीयता को जन्म देती है एक भाषा का अन्य भाषाओं के  संवाद स्थापित करती है सामंजस्य  बैठाती है इसलिए इसका कोई सानी नहीं है हिंदी अपने देश के प्रत्येक कोने में बोली, पढ़ी व समझी जाती है इसलिए इसको पढ़ने व समझने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लाया जाना चाहिए |

 

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